देखकर काजल की लकीरें उसकी आँखों पर, पहली दफा जाना कि चाँद की खूबसूरती रात से क्यो है।
आशिक़ था एक मेरे अंदर, कुछ साल पहले गुज़र गया,अब कोई शायर सा है, अज़ीब-अज़ीब सी बातें करता है !!